एक छोटा सा गांव था | वहां पर उस गांव के किनारे एक नदी बहती थी | अक्सर वहां पर मछुआरे आपस में लड़ते-झगड़ते रहते थे | लड़ाई की वजह जल फेंकना होता था ताकि जो सबसे पहले जल फेंके उसके जाल में ज्यादा मछली आ जाए |
यह भी बड़ी विचित्र बात थी कि कई बार मछुआरे पूरे दिन भर की मेहनत के बाद भी खाली हाथ लौटते थे | मछुआरों के साथ-साथ उस दिन उनके घर के और लोग भी उदास हो जाते | मछली को लोग अपनी किस्मत मानने लगे थे |
इसकी वजह वह राधा था जो था तो पुरुष पर उसका नाम स्त्री का था | अक्सर लोग उसे चिढ़ाया करते पर वह किस्मत का धनी था | एक बार जाल खींचता तो फट से उसके जाल में मछलियां आ जाती | सब उसे चिढ़ाते थे पर वह फिर भी एक एक मछली सबको देता | बाकी बची मछलियां करने जाता घर ले जाता |
1 दिन जल फेंकते-फेंकते उसका पांव फिसल गया और वह नदी में गिर गया | मछुआरे अपनी लड़ाई में इतना व्यस्त हो कि किसी का ध्यान उसकी तरफ नहीं गया | तभी नदी के किनारे बैठे कुत्ते जोर-जोर से भौंकने लगे और मछुआरे के कपड़े खींचने लगे | उन कुत्तों में एक राधा का कुत्ता चीन भी था |
तभी मछुआरों ने देखा कि नदी में से एक आदमी बार-बार अपना सर निकाल रहा है | अब जाकर उन लोगों को कुत्तोँ का इशारा समझ में आया और फिर दो-तीन मछुआरे नदी में कूद गए |
तैरते तैरता आखिर वह उस आदमी तक पहुंच गए और उसे बाहर निकाल लिया | बाहर आने पर देखा तो वह राधा था | राधा के पेट में पानी भर गया था | सब ने मिलकर राधा को उल्टा लिया और उसके पेट का पानी निकाला | राधा के प्राण बच गए | अपने पास अपने मित्रों को देखकर वह भावुक हो गया|
कहने लगा “मैं कैसे तुम सबको धन्यवाद दूँ ?” सभी मछुआरे एक साथ बोले “नहीं -नहीं तुम्हारे प्राण तो इन कुत्तों ने बचाए हैं | हम तो मछली पकड़ने के लिए आपस में ही लड़ रहे थे पर यह कुत्ते जोड़-जोड़ के भोंकने लगे| तुम्हारा कुत्ता चीन हमारी धोती खींचने लगा और हमें यहां खींच लाया| हमको यह नहीं पता था की हम जिसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं वह तुम हो | आज समझ में आया कि आदमी से ज्यादा जानवर वफादार वफादार होते हैं | देखो तुम्हारे कुत्ते ने तुम्हें बचाने के लिए अपने सारे साथियों को जमा कर दिया और एक हम हैं कि आपस में ही लड़ते रहे लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि जो आज तुम्हारे साथ हुआ वह कल हमारे साथ भी हो सकता है तुम्हारे पास तो तुम्हारा कुत्ता था पर हमारे पास तो कोई नहीं है | ”
तभी राधा ने कहा “ऐसा क्यों सोचते हो ? हम सब आपस में दोस्त ही तो हैं बस थोड़ी देर मछली पकड़ने की चीज में एक-दूसरे से बैर लेते हैं | मछलियां भी यह जान गई है इसलिए कभी-कभी वह किसी के जाल में नहीं आती | वह तुम्हारी हड़बड़ाहट से सचेत हो जाती है और भाग जाती है | मैं यह जानता हूं | इसलिए जब तुम लोग जाते हो और पानी शांत हो जाता है मैं तब जाल फेंकता हूँ | इसलिए वो मेरी पकड़ में आती है | आज से हम लोग आपस में झगड़ा नहीं करेंगे और चीन की तरह मिलकर रहेंगे | ”
यह कहकर सभी जोर से हंस पड़े | थोड़ी देर बाद जब सब राधा के घर पर थे और उसकी पत्नी कृष्णा सबके लिए मछली पका रही थी | आज कोई मछली नहीं ले गया था | सबकी मछलियां यही पकड़ी थी क्योंकि आज राधा को दूसरा जन्म मिला था |
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